V.S Awasthi

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चंदा तू जल्दी आना





चंदा तू जल्दी आना
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चन्दा तू जल्दी आना
मेघों में ना छुप जाना
श्रंगार किए मैं बैठी
अपना तुम दर्श दिखाना
चन्दा तू जल्दी आना

जब भी तू दर्शन देगा
तब मेरा व्रत टूटेगा
मैं करूंगी तेरी पूजा
समय ना व्यर्थ गंवाना
चन्दा तू जल्दी आना

मस्तक सिन्दूर की बिन्दिया
पैरों में है चांदी की बिछिया
हाथों में रची है मेंहदी
पैरों का महावर ना सुखाना 
चन्दा तू जल्दी आना

मेरा सुहाग अमर हो
ऐसा वरदान है देना
पति पत्नी प्रेम अटल हो
पति को दीर्घायु बनाना
चन्दा तू जल्दी आना 

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर


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5 Comments

Suryansh

20-Oct-2022 06:38 AM

लाजवाब

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Mahendra Bhatt

15-Oct-2022 08:32 PM

बहुत खूब

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Muskan khan

14-Oct-2022 03:40 PM

Well done ✅

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